हरीश चन्द्र पाण्डे

हरीश चन्द्र पाण्डे (Harish Chandra Pandey)

(माताः श्रीमती मुन्नी देवी पाण्डे, पिताः श्री जगन्नाथ पाण्डे)

जन्मतिथि : 28 दिसम्बर 1952

जन्म स्थान : सदीगांव

पैतृक गाँव : बयेला

जिला : अल्मोड़ा

वैवाहिक स्थिति : विवाहित बच्चे : 4 पुत्रियाँ

शिक्षा : एम.काम.

प्राथमिक शिक्षा- प्राइमरी पाठशाला, महाकालेश्वर (अल्मोड़ा)

मिडिल- जूनियर हाईस्कूल, महाकालेश्वर

हाईस्कूल- मिशन इण्टर कालेज, द्वाराहाट

इंटर- रा.इ.का. पिथौरागढ़

बी.काम./एम.काम.- कानपुर विश्वविद्यालय

जीवन का महत्वपूर्ण मोड़ः इलाहाबाद में पाए उस साहित्यिक परिवेश को मैं महत्वपूर्ण मोड़ मानता हूँ जिसने मनुष्य के प्रति मेरी आस्था को प्रगाढ़ता दी और उसे अभिव्यक्ति देने की रचनात्मक प्रेरणा भी।

प्रमुख उपलब्धियाँ : ‘एक बुरूंश कहीं खिलता है’ (कविता संग्रह) तथा ‘कुछ भी मिथ्या नहीं है’ (कविता-पुस्तिका) प्रकाशित। एक बाल-कथा संग्रह भी प्रकाशित। कविता संग्रह ‘कल की तारीख’ में प्रकाशनाधीन परिमल सम्मान योजना के अंतर्गत कविता हेतु वर्ष 1995 का सोमदत्त सम्मान प्राप्त। कविताओं के अनुवाद कुछ अन्य भारतीय भाषाओं में भी प्रकाशित। कुछ कहानियां भी प्रकाशित। वर्ष 2001 में केदार सम्मान मिला, उ.प्र. हिन्दी संस्थान का सृजन पुरस्कार।

युवाओं के नाम संदेशः कामना है यह राज्य राजनीति की भी गंगोत्री हो। इसे माफियों की नजर न लगे। भ्रष्टाचारियों की नजर न लगे। इसकी प्रकृति और संस्कृति बची रहे।

विशेषज्ञता : साहित्य, सृजन।

नोट : यह जानकारी श्री चंदन डांगी जी द्वारा लिखित पुस्तक उत्तराखंड की प्रतिभायें (प्रथम संस्करण-2003) से ली गयी है।

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